जानिए ! श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के सदस्यो के बारे में ।

जानिए ! श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के सदस्यो के बारे में ।


श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के सदस्य




1】के परासरन


  • सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ वकील के. परासरन ट्रस्ट के अध्यक्ष होंगे। उन्होंने रामलला विराजमान की ओर से अयोध्या मामले में लंबे समय तक पैरवी की।
  •  92 वर्षीय परासन ने सुप्रीम कोर्ट में खड़े होकर बहस की जबकि उन्हें कुर्सी पर बैठने अनुमति दी गई थी। वह रामसेतु समुद्रम परियोजना पर भी मुकदमा लड़ चुके हैं। 
  • उन्हें पद्म भूषण और पद्म विभूषण जैसे पुरस्कारों से सम्मानित किया जा चुका है। सबरीमाला मामले में भगवान अयप्पा के वकील रहे परासरन को भारतीय इतिहास, वेद पुराण और धर्म के साथ ही संविधान का व्यापक ज्ञान है।
  •  राम मंदिर मामले के दौरान उन्होंने स्कंध पुराण के श्लोकों का जिक्र करके राम मंदिर का अस्तित्व साबित करने की कोशिश की।


2】डॉ. अनिल कुमार मिश्रा


  • पेशे से होम्योपैथी डॉक्टर अनिल कुमार मिश्र फैजाबाद की लक्ष्मणपुरी कॉलोनी में रहते हैं।
  •  आंबेडकर नगर जिले के पहतीपुर के पतौना गांव के मूल निवासी अनिल राम मंदिर आंदोलन के दौरान विनय कटियार के साथ जुड़े थे।
  •  बाद में वह राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से भी जुड़े। मौजूदा वक्त में वह संघ के अवध प्रांत के प्रांत कार्यवाह हैं। 
  • वह उत्तर प्रदेश होम्योपैथिक मेडिसिन बोर्ड के रजिस्ट्रार पद पर भी कार्यरत हैं।


3】विमलेंद्र मोहन प्रताप मिश्रा


  • अयोध्या राज परिवार के वंशज विमलेंद्र मोहन प्रताप मिश्र को भी ट्रस्ट में शामिल किया गया है।
  •  रामायण मेला संरक्षक समिति के सदस्य और समाजसेवी मिश्र ने 2009 में बसपा के टिकट पर लोकसभा चुनाव लड़ा था।


4】कामेश्वर चौपाल


  • दलित समुदाय से ताल्लुक रखने वाले कामेश्वर चौपाल को भी जगह दी गई है। 
  • 1989 के राम मंदिर आंदोलन के समय हुए शिलान्यास में कामेश्वर ने ही राम मंदिर की पहली ईंट रखी थी।
  •  संघ ने उन्हें पहले कारसेवक का दर्जा दिया है।
  •  वह 1991 में रामविलास पासवान के खिलाफ चुनाव भी लड़ चुके हैं।


5】महंत दिनेंद्र दास


  • राम मंदिर-बाबरी मस्जिद विवाद में पक्षकार रहे निर्मोही अखाड़ा की अयोध्या बैठक के प्रमुख महंत दिनेंद्र दास को भी ट्रस्ट में जगह मिली है।
  •  सूत्रों के मुताबिक, दास बैठक में हिस्सा तो लेंगे लेकिन उन्हें मतदान का हक नहीं होगा।


6】जगतगुरु शंकराचार्य स्वामी वासुदेवानंद सरस्वती जी महाराज


  • बद्रीनाथ स्थित ज्योतिष पीठ के शंकराचार्य। इनके शंकराचार्य बनाए जाने को लेकर विवाद भी हुआ था।
  •  ज्योतिष मठ की शंकराचार्य की पदवी को लेकर द्वारका पीठ के शंकराचार्य वासुदेवानंद सरस्वती ने हाईकोर्ट में मामला दाखिल किया था।


7】जगतगुरु माधवाचार्य स्वामी विश्व प्रसन्नतीर्थ जी महाराज  


  • कर्नाटक के उडुपी स्थित पेजावर मठ के 33वें पीठाधीश्वर हैं।
  •  दिसंबर 2019 में पेजावर मठ के पीठाधीश्वर स्वामी विश्वेशतीर्थ के निधन के बाद उन्होंने यह पदवी संभाली।


8】युगपुरुष परमानंद जी महाराज


  • अखंड आश्रम हरिद्वार के प्रमुख परमानंद जी महाराज भी ट्रस्ट में शामिल किए गए हैं। उनकी वेदांत पर 150 से अधिक किताबें प्रकाशित हो चुकी हैं।
  •  वर्ष 2000 में संयुक्त राष्ट्र में आध्यात्मिक नेताओं के शिखर सम्मेलन को भी संबोधित किया था।


9】स्वामी गोविंद देव गिरि जी महाराज


  • महाराष्ट्र के अहमद नगर में 1950 में जन्मे स्वामी गोविंद देव गिरि जी महाराज रामायण, श्रीमद् भागवत गीता, महाभारत और अन्य पौराणिक ग्रंथों का देश विदेश में प्रवचन करते हैं।
  •  वह राज्य के विख्यात आध्यात्मिक गुरु पांडुरंग शास्त्री अठावले के शिष्य हैं।


नियम:


  •  जो ट्रस्टी हैं उनकी ओर से (सीरियल नंबर 2 से 8 तक के) 15 दिन में सहमति मिल जानी चाहिए। 
  • ट्रस्टी नंबर 1 इस दौरान ट्रस्ट स्थापित कर अपनी सहमति दे चुका होगा। उसे सीरियल नंबर 2 से सीरियल नंबर 8 तक के सदस्यों की तरफ से ट्रस्ट बनने के 15 दिन के अंदर सहमति ले लेनी होगी।


ट्रस्ट क्यों बनाया गया है?

a】 अयोध्या में रामजन्मभूमि पर भव्य राम मंदिर बनाने और सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद मंदिर निर्माण में आने वाली सभी बाधाओं को दूर करने के लिए।

b】 बड़ी पार्किंग, श्रद्धालुओं के लिए सारी सुविधा, सुरक्षा के लिए अलग से जगह, परिक्रमा के लिए सही इंतजाम करने होंगे। श्रद्धालुओं के लिए सभी तरह की सुविधाएं जैसे- अन्नक्षेत्र, किचन, गौशाला, प्रदर्शनी, म्यूजियम और सराय का इंतजाम करना होगा।

c】कानूनी रूप से ट्रस्टश्रद्धालुओं की सुविधाओं और मंदिर निर्माण के लिए पैसे और अन्य महत्वपूर्ण चल-अचल संपत्तियों को खरीदने, दान लेने या किसी दूसरे तरीके से इन चीजों को इकठ्ठा करेंगे। उसकी देखरेख का इंतजाम करेंगे।


राम मंदिर के बारे में कुछ नए बातें ।


  • प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को अयोध्या में राम मंदिर निर्माण को लेकर ट्रस्ट बनाने का एलान किया।
  •  जिसके बाद गृहमंत्री अमित शाह ने बताया कि इस ट्रस्ट में 15 ट्रस्टी होंगे जिसमें एक दलित समाज का सदस्य होगा। इसके चार घंटे बाद ट्रस्ट से जुड़े 15 सदस्यों के बारे में जानकारी सामने आई।
  •  अयोध्या विवाद में हिंदू पक्ष के मुख्य वकील रहे 92 वर्षीय के परासरन को राम मंदिर ट्रस्ट में ट्रस्टी बनाया गया है। 
  • परासरन के अलावा इस ट्रस्ट में एक शंकराचार्य समेत पांच सदस्य धर्मगुरु ट्रस्ट में शामिल हैं। साथ ही अयोध्या के पूर्व शाही परिवार के राजा विमलेंद्र प्रताप मिश्रा, अयोध्या के ही होम्योपैथी डॉक्टर अनिल मिश्रा और कलेक्टर को ट्रस्टी बनाया गया है। 
  • पहले जानकारी सामने आई थी कि चार शंकराचार्यों को इस ट्रस्ट में शामिल किया जाएगा, लेकिन सरकार ने ट्रस्ट में सिर्फ प्रयागराज के ज्योतिष पीठाधीश्वर स्वामी वासुदेवानंद सरस्वती जी महाराज को शामिल किया गया है।
  •  इसके अलावा ट्रस्ट में निर्मोही अखाड़े को भी स्थान दिया गया है, लेकिन अखाड़े के महंत दिनेंद्र दास को ट्रस्ट की मीटिंग में वोटिंग का अधिकार नहीं होगा। 

30 साल पहले एक दलित ने रखी थी रामजन्म भूमि शिलान्यास की पहली ईंट


  • 30 साल पहले केंद्र की तत्कालीन प्रधानमंत्री राजीव गांधी सरकार की अनुमति के बाद 9 नवंबर 1989 को प्रस्तावित राममंदिर की नींव पड़ी थी।
  •  शिलान्यास के लिए पहली ईंट विश्व हिंदू परिषद के तत्कालीन संयुक्त सचिव कामेश्वर चौपाल ने रखी थी। चौपाल का नाता बिहार से है और वे दलित समुदाय से आते हैं।




Post a Comment

0 Comments