जानिए ! CAA ओर NRC एक्ट की पुरी जानकारी ।


CAA क्या है ?


CAA full form: Citizenship Amendment ACT, 2019 (नागरिकता संशोधन कानून, 2019)


CAA नागरिकता संशोधन कानून , 2019, अल्पसंख्यकों के लिए भारतीय नागरिकता देने का रास्ता खोलता है, जो भारत के तीन पड़ोसी देशों (पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान) से उत्पीड़न या किसी और कारण से अपना देश छोड़कर भारत में आना चाहते हैं। इसका किसी भी भारतीय नागरिको से कोई लेना-देना नहीं है, चाहे वे किसी भी धर्म से आते हो।

CAA में कौन से धर्म शामिल हैं?


CAA में छह गैर-मुस्लिम समुदायों - हिंदू, सिख, ईसाई, जैन, बौद्ध और पारसी से संबंधित अल्पसंख्यक शामिल हैं। इन्हें भारतीय नागरिकता तब मिलेगी जब वे 31 दिसंबर, 2014 को या उससे पहले भारत में शरण ले लिए हों।

पिछली नागरिकता के मानदंड क्या थे?


इस संशोधन बिल के आने से पहले तक, भारतीय नागरिकता के पात्र होने के लिए भारत में 11 साल तक रहना अनिवार्य था। नए बिल में इस सीमा को घटाकर छह साल कर दिया गया है।

NRC क्या है?


NRC full form: National Register of Citizens (राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर)


NRC नागरिकों का राष्ट्रीय रजिस्टर है, जो भारत से अवैध घुसपैठियों को निकालने के उद्देश्य से एक प्रक्रिया है। सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद एनआरसी प्रक्रिया हाल ही में असम में पूरी हुई। हालांकि, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने नवंबर में संसद में घोषणा की थी कि NRC पूरे भारत में लागू किया जाएगा।

NRC के तहत पात्रता मानदंड क्या है?


NRC के तहत, एक शरणार्थी भारत का नागरिक होने के योग्य है यदि वे साबित करते हैं कि या तो वे या उनके पूर्वज 24 मार्च 1971 को या उससे पहले भारत में थे। असम में NRC प्रक्रिया को अवैध बांग्लादेशी प्रवासियों को बाहर करने के लिए शुरू किया गया था, जो भारत आए थे।बता दें कि 1971 में हुए भारत-पाकिस्तान युद्ध के बाद बांग्लादेश का निर्माण हुआ था।

CAA के खिलाफ असम में विरोध प्रदर्शन



नागरिकता संशोधन कानून, 2019 से असम एनआरसी द्वारा बाहर किए गए लोगों की मदद करने की उम्मीद जताई गई है। हालांकि, राज्य के कुछ समूहों को लगता है कि यह 1985 के असम समझौते को रद्द करता है।


1985 के असम समझौते ने 24 मार्च, 1971 को अवैध शरणार्थियों के निर्वासन की कट-ऑफ तारीख तय की थी। जबकि NRC का पूरा उद्देश्य गैरकानूनी प्रवासियों को उनके धर्म से बेदखल करना था, असमिया प्रदर्शनकारियों को लगता है कि CAA से राज्य में गैर-मुस्लिम प्रवासियों को लाभ होगा।

CAA  के खिलाफ दिल्ही में विरोध प्रदर्शन



शाहीन बाग प्रोटेस्ट 



नागरिकता संशोधन कानून (CAA) और नेशनल रजिस्टर ऑफ सिटिजन (NRC) के खिलाफ दिल्ली के शाहीन बाग में पिछले 40 दिनों से बुर्कानशीं महिलाएं प्रदर्शन कर रही हैं. इसी शाहीन बाग की तर्ज पर देश के कई शहरों में विरोध प्रदर्शन शुरू करने की कोशिश कई विपक्षी नेता कर रहे हैं. भीम आर्मी के चीफ चंद्रशेखर आजाद और प्रकाश अंबेडकर जैसे कथित दलित चिंतक दलितों को भी उग्र आंदोलन करने के लिये उकसा रहे हैं और अपने वोटबैंक की राजनीति तलाश रहे हैं ।

JNU में विरोध प्रदर्शन




जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय में हुए हिंसा के विरोध में सिर्फ दिल्ली ही नहीं बल्कि पूरे देश में प्रदर्शन हो रहे हैं। अपनी मांगों के समर्थन जेएनयू के छात्र गुरुवार को विरोध मार्च निकाल रहे हैं, दिल्ली यूनिवर्सिटी के स्टूडेंट्स भी इस विरोध प्रदर्शन को समर्थन दे रहे हैं। छात्रों के प्रदर्शन को देखते हुए दिल्ली पुलिस ने भी सुरक्षा बढ़ा दी है। बता दें कि छात्र पहले मंडी हाउस तक पैदल मार्च निकालने वाले थे लेकिन पुलिस की नई रणनीति के तहत अब उन्हें बसों में भरकर मंडी हाउस तक ले जाया जाएगा।

AMU  में विरोध प्रदर्शन


 

                                             

अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी ( AMU )के छात्र नेताओं ने 5 जनवरी को छात्रों से प्रदर्शन (CAA protest) के लिए फिर से एकत्रित होने की अपील की है. वहीं पुलिस-प्रशासन का कहना है कि जब तक माहौल पूरी तरह से शांत नहीं हो जाता तब तक पुलिस फ़ोर्स तैनात रहेगी. AMU प्रशासन ने फिलहाल यूनिवर्सिटी अगली सूचना तक के लिए बंद कर दी है । 


Jamia millia islamia university  में विरोध प्रदशर्न

                                              


नागरिकता संशोधन अधिनियम के खिलाफ देश के उत्तर-पूर्वी राज्यों में चल रहे विरोध प्रदर्शन की आंच दिल्ली पहुंच चुकी है। शुक्रवार के बाद आज शनिवार को भी दिल्ली स्थित जामिया मिल्लिया इस्लामिया विश्वविद्यालय के छात्र कैब के विरोध में प्रदर्शन कर रहे हैं। जामिया में सभी परीक्षाएं स्थगित कर दी गई हैं। साथ ही 16 दिसंबर से 5 जनवरी तक के लिए यूनिवर्सिटी में छुट्टियों का एलान कर दिया गया है।

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Thank you